नमस्कार दोस्तों, आपको बताना चाहते कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही। पारंपरिक पेट्रोल और डीजल व्हीकल की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल अधिक पर्यावरण-मित्र और आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रहे। इनकी बढ़ती लोकप्रियता के पीछे एक और कारण इनकी कम संचालन लागत और सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी। हालांकि, इलेक्ट्रिक व्हीकल की बढ़ती संख्या के साथ कुछ सुरक्षा संबंधित चिंताएं भी सामने आई। कभी-कभी, इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी या इलेक्ट्रिकल सिस्टम में गड़बड़ी के कारण जान का खतरा भी बना रहता।
अब सरकार करेगी सभी वाहनों की चिंता
ऐसे खतरों को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए। सरकार ने हाल ही में दो नए मानकों को पेश किया जो इलेक्ट्रिक व्हीकल की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने IS 18590: 2024 और IS 18606: 2024 मानकों को लागू किया। इन मानकों के जरिए सरकार का उद्देश्य एल, एम और एन कैटेगरी के वाहनों को अधिक सुरक्षित बनाना। एल कैटेगरी के बारे में बात करें तो इस कैटेगरी में दो पहिया वाहन आते, जैसे इलेक्ट्रिक स्कूटर और मोटरसाइकिल। इन वाहनों का उपयोग आमतौर पर व्यक्तिगत और छोटे व्यापारिक कार्यों के लिए किया जाता।
सरकार लेकर आई एक नया महत्वपूर्ण कदम
एम कैटेगरी के बारे में बात करें तो इस कैटेगरी में चार पहिया वाहन शामिल, जैसे इलेक्ट्रिक कारें और छोटी वैन। ये वाहन परिवारिक और व्यापारिक उपयोग के लिए होते और इनकी सुरक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण। एन कैटेगरी के बारे में बात करें तो इस कैटेगरी में माल ढोने वाले वाहन शामिल, जैसे इलेक्ट्रिक ट्रक और लॉरीज। इन वाहनों का उपयोग भारी सामान के परिवहन के लिए किया जाता और इनकी सुरक्षा भी अत्यधिक आवश्यक। IS 18590: 2024 और IS 18606: 2024 मानकों के माध्यम से सरकार इन तीनों कैटेगरी के वाहनों की बैटरी और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही।
इन मानकों के तहत, इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माताओं को अपनी वाहनों के बैटरी पैक और चार्जिंग सिस्टम की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा, इन वाहनों में उच्च तापमान, वोल्टेज और करंट के खिलाफ सुरक्षा उपाय भी अनिवार्य होंगे। ये नए मानक न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित इलेक्ट्रिक व्हीकल उपलब्ध कराने में मदद करेंगे, बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग में भी गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्च मानक स्थापित करेंगे। इन प्रयासों से उम्मीद है कि भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार सुरक्षित और अधिक भरोसेमंद बनेगा।