किसी भी वाहन की चलाने वाली तकनीक में आजकल एक विप्रेषणीय बदलाव देखने को मिल रहा। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही और इससे यह साबित हो रहा कि आने वाले समय में यह विकल्प धूम्रपान मुक्त और सुस्त धरती के लिए एक सकारात्मक चुनाव हो सकता।
कई सारी इलेक्ट्रिक गाड़ियां मौजूद
इलेक्ट्रिक बाजार में कई विदेशी कंपनियां अलग-अलग मॉडल्स प्रस्तुत कर रही, लेकिन भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की बड़ी नामी कंपनी टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक सेगमेंट में नंबर वन पर है। टियागो, टिगोर और नेक्सॉन के अलावा, टाटा मोटर्स के पास इलेक्ट्रिक सेगमेंट में तीन नए वाहन।
एक रिपोर्ट के अनुसार, बैटरी की कीमत 100 डॉलर प्रति किलोवॉट-घंटे तक पहुंच रही। इसी कारण 18 महीनों के भीतर, 250 किलोमीटर तक की रेंज वाली कार की कीमत पेट्रोल से चलने वाली कार की कीमत के बराबर हो जाएगी।
लोगों को नौकरी मिलनी शुरू हो गई
इस परिवर्तन के साथ, इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में भी वृद्धि हो रही। लोग अब सस्ते वाहनों के साथ-साथ पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए विकल्पों की खोज कर रहे। इससे न केवल ऑटोमोबाइल उद्योग में बदलाव आया, बल्कि इससे नौकरियों का भी एक नया स्रोत बना।
इसके अलावा, यह नई सशक्त प्रौद्योगिकी और बैटरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी एक नया क्षेत्र खोल सकता। बैटरी संबंधी वृद्धि न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को कम कर सकती, बल्कि यह नई और सुरक्षित बैटरी तकनीक के विकास को भी प्रोत्साहित कर सकती।
इसी तरह, इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में तेजी से बढ़ती हुई रुचि और उनकी तेजी से बढ़ती विक्रय संख्या ने वाहन उद्योग को नए दिशाओं में ले जाने की संभावनाएं बढ़ा दी। हमारी जानकारी को आखरी तक पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद।